कोरोना वैक्सीनेशन: जानें कौन है वो शख्स? जिसे देश में सबसे पहले लगा कोरोना टीका
लंबे समय का इंतजार अब खत्म हो गया है। भारत में भी कोरोना वैक्सीनेशन अभियान की शुरूआत हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दुनिया के सबसे बड़े कोरोना वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत कर दी है। दिल्ली स्थित एम्स में सफाई कर्मी को कोरोना का पहला वैक्सीन लगाया गया। बता दें कि एम्स में सबसे पहला टीका जिस सैनिटेशन डिपार्टमेंट के एक कर्मचारी को लगा उसका नाम मनीष कुमार है। इसके साथ ही मनीष कुमार कोरोना का वैक्सीन लेने वाले देश के पहले नागरिक बन गए हैं।
Delhi: A sanitation worker becomes the first person to receive COVID-19 vaccine jab at AIIMS. Union Health Minister Harsh Vardhan is also present. pic.twitter.com/iDIVIKqvEi
— ANI (@ANI) January 16, 2021
इसके कुछ ही मिनटों बाद एम्स के डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया को कोरोना का वैक्सीन लगाया गया। बता दें कि डॉ गुलेरिया देश के टॉप चिकित्सा विशेषज्ञ हैं. डॉ गुलेरिया ने ये वैक्सीन लेकर सभी तरह की आशंकाओं को निराधार साबित कर दिया है।
आपको बता दें, आज देश भर में लगभग 3000 केंद्रों पर 3 लाख लोगों को कोरोना की वैक्सीन दी जाएगी। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना वैक्सीन लगने के बाद भी हमें सावधानी की जरूरत होगी। प्रधानंमत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वैक्सीनेशन कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए कहा आज के दिन का बेसब्री से इंतजार था। कोरोना की वैक्सीन आ गई है।मोदी ने कहा कि वैक्सीन बनाने वालों ने कड़ी मेहनत की है।पीएम ने कहा कि उन्होंने न त्योहार की चिंता की न घर छुट्टी मनाने गए।पीएम ने कहा कि ऐसे ही दिन के लिए राष्ट्रकवि दिनकर ने कहा था कि मानव जब जोर लगाता है तो पत्थर पानी बन जाता है।
AIIMS Director Dr Randeep Guleria receives COVID-19 vaccine jab at AIIMS, Delhi. pic.twitter.com/DI56is2Ya3
— ANI (@ANI) January 16, 2021
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा कि कोरोना काल में हमारे कई साथी ऐसे रहे जो बीमार होकर अस्पताल गए तो लौटे ही नहीं। पीएम ने कहा कि संकट के उसी समय में, निराशा के उसी वातावरण में, कोई आशा का भी संचार कर रहा था, हमें बचाने के लिए अपने प्राणों को संकट में डाल रहा था। ये लोग थे हमारे डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, एंबुलेंस ड्राइवर, आशा वर्कर, सफाई कर्मचारी, पुलिस और दूसरे फ्रंटलाइन वर्कर्स।
This disease kept people away from their families. The mothers cried for their children & had to stay away. People could not meet their elderly admitted at hospitals. We could not bid adieu to those with proper rituals who died due to corona: PM Modi pic.twitter.com/kGVxwM0bZz
— ANI (@ANI) January 16, 2021
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि इस बीमारी ने लोगों को अपने घर से दूर रखा। माताएं बच्चों के लिए रो रही थीं, लेकिन वो अपने बच्चों के पास नहीं जा सकती थीं। लोग अस्पताल में भर्ती अपने घर के बुजुर्गों से मिल नहीं सकते थे, कई हमारे साथी जो इस बीमारी की चपेट में आकर हमसे दूर चले गए, ऐसे लोगों का हम अंतिम संस्कार भी नहीं कर सके।