Coronavirus: भारत के पड़ोसी देश में लगा दूसरे चरण का लॉकडाउन, देशव्यापी कामकाज ठप
थिंफू: भूटान के प्रधानमंत्री ने देशभर में दूसरे चरण के लॉकडाउन (Lockdown) की घोषणा कर दी है। जिसके तहत कल से 7 दिनों के लिए भूटान (Bhutan) में कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन (Coronavirus new Strain) को सेकंड वेव के तौर पर देखा जा रहा है। जिसके बाद कई युरोपीय देशों ने लोगों की आवाजाही को आंशिक तौर पर प्रतिबंधित किया है। इस सिलसिले में भारत के पड़ोसी देश ने बड़ा फैसला लेते हुए सात दिनों के देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा कर दी है।
भूटान के प्रधानमंत्री एल शेरिंग (Lotay Tshering) ने देशव्यापी बंदी (Nationwide Lockdown) की जानकारी आम जनत को दिया। दो दिनों पहले ही थिंफू में कोरोना के नये मामले मिलने के बाद राजधानी भर में लॉकडाउन लगाया गया था। अब कोरोना का खतरा बढ़ने के मद्देनजर इसे देशव्यापी किया गया है।
अगस्त में पहली बार लगा था लॉकडाउन
इससे पहले भूटान सरकार ने मध्य अगस्त महीने में कोरोना वायरस के खतरे को दखते हुए देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी। भूटान में राजशाही व्यवस्था है, यहां सरकारी आदेश का लोग गंभीरता से पालन करते हैं। भूटान ने पहले लॉकडाउन के दौरान करीब साढे सात लाख लोगों को घरों में ही रहने की सख्त हिदायत दी थी। तब भी भूटान में दफ्तर और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों का बंद किया गया था।
भूटान भारत का अहम पड़ोसी देश है जिससे 699 किलोमीटर की सीमा लगती है। भारत के चार राज्य भूटान की सीमा से लगे हैं, इनमें शामिल है असोम, अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल और सिक्किम। भूटान के कड़े फैसले का भारत पर भी असर पड़ सकता है। अगर लॉकडाउन से भारत का पड़ोसी देश सुरक्षित रह पाता है तो देश के लिए भी फायदे की बात है।
कोरोना वायरस के नए खतरे से भारत भी प्रभावि
ब्रिटेन में कोविड-19 के बेहद संक्रामक नए स्वरूप के सामने आने के बाद भारत द्वारा वहां से उड़ानों की आवाजाही बंद करने से बहुत से लोगों की योजनाएं गड़बड़ा गई हैं, खास तौर पर उन लोगों की जिन्हें नए साल से पहले घर लौटना था या फिर अपने लंबित शोधकार्यों के लिये वापस विश्वविद्यालय आना था। इस साल के अंत तक उड़ानों के निलंबित रहने की नागर विमानन मंत्रालय ने सोमवार को घोषणा की थी। भारत के अलावा कनाडा समेत कई अन्य देशों ने भी ब्रिटेन से विमानों की आवाजाही पर रोक लगा दी है। ब्रिटेन में आईटी पेशेवर अभिजीत डांग ने कहा, “मेरा परिवार यहां आया हुआ है और उन्हें क्रिसमस के बाद लौटना था। लेकिन अब उनकी योजना धूमिल नजर आती है।” उन्होंने कहा कि पूरे साल लोगों ने इस डर से यात्रा नहीं की कि अचानक लॉकडाउन लगने की वजह से वे फंस जाएंगे। अभिजीत ने कहा, “हम अपनी यात्रा को टालते रहे, यह सोचकर कि हममें से कोई फंस जाएगा, लेकिन हाल में मेरे परिवार ने सफर का जोखिम उठाया और वे ब्रिटेन आ गए।”
भारत में एक निजी विश्वविद्यालय में प्रोफेसर उनकी मां तरुणा डांग ने कहा, “मैं ब्रिटेन से ऑनलाइन कक्षाएं लेना जारी रखा सकती हूं लेकिन हमनें पूर्व में देखा है कि एक बार फंसने पर संघर्ष शुरू हो जाता है। हम उम्मीद कर रहे हैं कि उड़ान सेवाएं जल्द शुरू हो जाएंगी।” उनकी चिंताएं इस बात से और बढ़ गई हैं कि कोरोना वायरस के नए स्वरूप के सामने आने के बाद ब्रिटेन में स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन के आदेश दिये जा रहे हैं। दीपक त्रिपाठी की पत्नी जनवरी में मां बनने वाली हैं और उससे पहले काम पूरा करने के लिये एक हफ्ते के कारोबारी दौरे पर उत्तरी आयरलैंड के बेलफास्ट आए थे। उन्होंने कहा, “हमें पिछले साल काफी नुकसान हुआ और मैं जानता था कि मुझे यहां (बेलफास्ट) फिर आने में समय लग जाएगा क्योंकि हम अपने पहले बच्चे के जन्म का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन अब, मैं यहां फंस गया हूं। मैं उम्मीद करता हूं कि मैं अपने बच्चे के जन्म से पहले वहां पहुंच जाऊंगा यद्यपि मेरे माता-पिता वहां हैं।”
करीब आठ महीनों तक इंतजार के बाद नताशा शर्मा दिसंबर के अंत में वापस ब्रिटेन जाने की तैयारी कर रही थीं जिससे वह जनवरी से अपने लंबित शोधकार्य को फिर से आगे बढ़ा पाएं लेकिन अब इस पर एक बार फिर विराम लग गया है। उन्होंने बताया, “मैं मार्च में दो हफ्तों के लिये आई थी और यहां फंस गई। मैं ऑनलाइन अपना काम कर रही हूं और यह संभावना तलाश रही हूं कि कब और कैसे वापस जा सकती हूं।” मैंने शुरुआती आशंकाओं को दूर कर, पृथकवास के नियमों और वंदे भारत उड़ानों के कार्यक्रम के बारे में जानकारी हासिल कर “दिसंबर के अंतिम हफ्ते में यात्रा की योजना बनाई थी लेकिन एक बार फिर इसपर विराम लग गया।”