छात्र-नौजवानों ने भगत सिंह के सपनों का भारत बनाने का लिया संकल्प…
आइसा ने शहीदेआजम भगत सिंह के जन्मदिवस को रोजगार अधिकार दिवस के रूप में मनाया.
आॅल इंडिया स्टूडेन्ट्स एसोसिएशन(आइसा) ने 28सितम्बर शहीदेआजम भगत सिंह के जन्मदिवस को राष्ट्रीय स्तर पर रोजगार अधिकार दिवस के रूप में मनाया।
इस अवसर पर मुखर्जी सेमनरी रोड स्थित आइसा कार्यालय में छात्र- नौजवानों व बुद्धिजीवियों ने भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के साथ शहीदेआजम भगत सिंह के सपनों का भारत बनाने का संकल्प लिया। इस दौरान छात्रों को बेहतर व मुफ्त शिक्षा तथा नौजवानों को रोजगार देने, शिक्षा व रोजगार विरोधी नई शिक्षा नीति वापस लेने,लाॅकडाउन से परेशान छात्रों का सभी शैक्षणिक संस्थानों में मुफ्त नामांकन व शिक्षा की गारंटी करने, लाॅकडाउन के कारण विभिन्न कंपनियों व विभागों में कार्यरत नौजवानों को नौकरी से हटाने पर रोक लगाने, रेलवे सहित सरकारी संसाधनों के निजीकरण की प्रक्रिया को बंद करने,खेत-खेती-किसान विरोधी तीनों कृषि कानून को वापस लेने, लाॅकडाउन के कारण बेरोजगार हुए सभी मजदूरों को रोजगार देने,बेरोजगारों को रोजगार मिलने तक 10हजार रुपये प्रति माह बेरोजगारी भत्ता देने, बंद पड़े कल-कारखानों को चालू करने सहित अन्य मांगो को लेकर आवाज बुलंद की गई।
कार्यक्रम का संचालन आइसा के राज्य पार्षद दीपक कुमार ने किया जिसमें तिरहुत काॅलेज के छात्र संघ के अध्यक्ष हैदर निजामी, अजय कुमार, शाहनवाज, सौरभ कुमार, जैद अहमद, नागेन्द्र कुमार यादव, राघवेन्द्र कुमार, टिंकू कुमार, अभिषेक कुमार,विवेक कुमार,मो.गुलजार सहित अन्य छात्र-नौजवान शामिल थे।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप शामिल प्रो अरविंद कुमार डे ने छात्र-नौजवानों को संबोधित करते हुए कहा कि देश को आजादी शहीदेआजम भगत सिंह सहित लाखों छात्र-नौजवानों और देशवासियों की कुर्बानी के बल पर मिली थी। लेकिन भगत सिंह और शहीदों के सपनों का भारत बनाने की लड़ाई आज भी जारी है। आजादी के इतने वर्षों के बाद भी देश में भारी आर्थिक संकट, तंगहाली व बेरोजगारी से आमलोग त्रस्त हैं। कोरोना महामारी से निबटने के नाम पर मनमाने ढंग से देश पर लाॅकडाउन थोपने के कारण छात्र-नौजवानों सहित मजदूर-किसानों,व्यवसायियों तथा सभी क्षेत्र का संकट चरम पर है। इन संकटों को ठोस तरीके से हल करने के बदले मोदी सरकार आत्मनिर्भरता का झुनझुन्ना बजाने में लगी है। वस्तुतः आत्मनिर्भरता के नारे की आड़ में सरकार देश पर काॅरपोरेट- कम्पनी राज थोपने में जुटी है जो देश के वर्तमान व भविष्य के साथ खिलवाड़ है।
उन्होंने आगे कहा कि कोरोना महामारी व लाॅकडाउन से बिहार की जनता परेशान है। लेकिन इसी कोरोना काल में लाख आशंकाओं व विरोध के बावजूद चुनाव कराया जा रहा है। हमें आशा है कि इस चुनाव में छात्र-नौजवान व आमलोग एक नये व बेहतर बिहार के लिए वोट करेंगे। छात्र-नौजवानों का हित और देश का भविष्य भगत सिंह व अंबेदकर के रास्ते पर चलकर कर ही सुरक्षित रह सकेगा।