13 महीने में बिखर गई जिंदगी:प्रेमिका से पत्नी बनी महिला को आईआईटी इंजीनियर ने दो माह के बेटे के साथ कमरे में किया बंद, डाइवोर्स साइन किया तब छोड़ा
नागपुर की एक युवती और पटना का एक युवक बेंगलुरु के एक कंपनी में काम करते थे। एक ही कंपनी में थे तो कई बार काम को लेकर बात भी हो जाती थी। धीरे-धीरे बातचीत मोहब्बत में बदल गई। मोहब्बत परवान चढ़ी तो परिजन की सहमति से शादी भी हो गई। लेकिन, नागपुर की रहने वाली सानिया दत्ता ने कहां सोचा होगा कि वह जिसे अपना हमसफर बनाने जा रही है वह उसे ऐसा धोखा देगा जिससे उसकी जिंदगी पूरी तरह बदल जाएगी। महज 13 महीनों में सबकुछ टूट जाएगा।
हालात ऐसे बन गए कि सानिया के पति विनायक ने उसे और उसके बच्चे को एक कमरे में बंद कर दिया और शर्त रख दी कि जब तक तलाक के पेपर पर साइन नहीं करेगी तब तक दरवाजा नहीं खुलेगा। बंद कमरे में अपना और बच्चे का दम घुट जाने से अच्छा था कि लड़की तलाक के कागजात पर दस्तखत कर दे। सो उसने ठीक ऐसा ही किया। कमरे से तो आजाद हो गई, लेकिन अंदर से टूट गई।
मायके जाना चाहती थी सानिया, पति ने कहा-पहले डाइवोर्स पेपर पर साइन करो फिर छोड़ूंगा
सानिया की बहन वाणी दत्ता ने बताया कि पिछले साल दो अगस्त को उसकी और विनायक सिंह की धूमधाम से शादी हुई थी। विनायक आईआईटी से पढ़ा है और बेंगलुरु के एक कंपनी में काम करता था। सानिया भी उसी कंपनी में थी। शादी के बाद विनायक के तेवर थोड़े बदल गए। पिछले साल नवंबर में सानिया प्रेग्नेंट हुई। इस साल अप्रैल में विनायक ने उसे पटना भेज दिया। सानिया पटना आ गई और अपने ससुराल में रह रही थी। बाद में विनायक भी आया। आरोप है कि वह कई बातों को सानिया पर थोपता था जिसे वह पसंद नहीं करती थी। अपनी मां के साथ मिलकर वह लगातार सानिया को प्रताड़ित कर रहा था।
मामला इतना अधिक बढ़ गया कि सानिया में मायके जाने का फैसला कर लिया। विनायक ने जैसे ही यह बात सुनी उसने सानिया को एक कमरे में बंद कर दिया है और कहा कि तलाक के पेपर पर साइन करो। सानिया ने इस दौरान अपने मोबाइल से वीडियो बनाकर लोगों से मदद की गुहार लगाई लेकिन किसी ने भी उसकी एक नहीं सुनी। मजबूर सानिया में कागजात पर साइन कर दिया। साइन करन के बाद विनायक ने सानिया को छोड़ दिया। वाणी के मुताबिक घर से निकलने के बाद सानिया अपने बच्चे के साथ सीधे कदमकुआं थाना गई और पूरे मामले की लिखित शिकायत की है।
input-Bhaskar