दिघरा डकैती:मुजफ्फरपुर: किशाेरी के अपहरण का मामला निकला फर्जी, प्रेमी संग दिल्ली भाग रचाई शादी
दिघरा से डकैती के दौरान व्यवसायी की बेटी के अपहरण का मामला फर्जी निकल गया। किशाेरी मर्जी से दीपक के साथ दिल्ली गई थी। वहां शादी कर दोनों किराए के मकान में रहने लगे। कई राज्याें में खाक छानने के बाद पुलिस टीम ने दिल्ली के वजीराबाद से बुधवार की शाम किशाेरी को बरामद किया। अपहरण के आरोपी दीपक को भी पकड़ा। वहां से दोनों को लेकर पुलिस जब गुरुवार की शाम मुजफ्फरपुर पहुंची तो मामले का खुलासा हुआ।
एसएसपी जयंत कांत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 3/4 सितंबर की रात के घर डकैती नहीं हुई। व्यवसायी की बेटी 2 सितंबर की देर रात ही गहने व 9 हजार रुपए लेकर घर से निकल गई थी। दीपक पहले से दिघरा में था। दोनों दूसरे दिन बस से दिल्ली निकले। किराए के 5 हजार किशाेरी ने ही दिया। जेवरात पुलिस ने बरामद कर लिए हैं एसएसपी ने कहा- सभी परिजन जान रहे थे कि डकैती नहीं हुई, लड़की को बहला-फुसलाकर अपहरण का मामला है।
बावजूद पुलिस को दिग्भ्रमित किया गया। कई तरह की अफवाह उड़ाई गई। उन सब पर पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी। लड़की को बहला-फुसलाकर ले जाने में लड़की के परिवार के भी किसी सदस्य की भूमिका सामने आती है तो उसे इस घटना में सह अभियुक्त बनाया जाएगा। उधर, किशोरी की बरामदगी के बाद अनशन व अन्य आंदोलन भी समाप्त हो गया।
किशाेरी के निकलने के दूसरे दिन पुलिस को बताया गया : एसएसपी
पूछताछ में पुलिस काे पता चला कि कोचिंग जाने के दौरान दोनों की मुलाकात हुई थी। दीपक करजा का रहनेवाला है। एसएसपी ने बताया कि लड़की के घर से निकलने के एक दिन बाद पुलिस को बताया गया। साथ ही डकैती की झूठी कहानी बताई गई। खुलासा खुद व्यवसायी के एक रिश्तेदार से पूछताछ में हुआ।
उसने बताया कि किशाेरी के घर से निकलने के बाद उन लाेगाें ने बस स्टैंड व जंक्शन से लेकर रिश्तेदारों के यहां भी खोजबीन की थी। अब किशाेरी का कोर्ट में बयान दर्ज कराया गया है। कोर्ट के आदेश पर आगे कदम उठाया जाएगा। दीपक को हिरासत में रखा गया है। कोर्ट के आदेश पर ही उस पर भी कार्रवाई हाेगी।
कड़ी सुरक्षा में किशोरी का कोर्ट में हुआ बयान
दिल्ली से किशाेरी को मुजफ्फरपुर लाए जाने के बाद गुरुवार की शाम सबसे पहले पुलिस अधिकारियों ने बयान लिया। उसके बाद कड़ी सुरक्षा में किशाेरी काे कोर्ट ले जाकर बयान दर्ज कराया गया। इस दौरान शहर के 4 थानेदार अपनी-अपनी टीम के साथ जमे रहे। किशाेरी से बातचीत का मौका किसी को नहीं दिया गया।
डीजीपी स्वयं कर रहे थे समीक्षा, टीम में शामिल अधिकारियों काे मिलेगा अवार्ड
एसएसपी जयंत कांत ने बताया कि डकैती के दौरान किशाेरी के अपहरण की घटना सामने आने पर रोड जाम कर विरोध-प्रदर्शन किया गया। ऐसे में पूरे घटना की जानकारी डीजीपी को दी गई थी। डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय दो-तीन दिनों से रात के 2 बजे तक इस केस की समीक्षा कर रहे थे। चार अलग-अलग टीम पंजाब, हरियाणा, दिल्ली व उत्तर प्रदेश में छापेमारी कर रही थी।
डीजीपी स्वयं इन राज्याें के अधिकारियों के संपर्क में थे। दूसरे प्रदेश के पुलिस अधिकारियों ने भी काफी सहयोग किया। उसी सहयाेग की बदौलत दिल्ली से किशाेरी की बरामदगी हुई और आरोपित भी गिरफ्तार किया गया। आईजी गणेश कुमार ने टीम में शामिल पुलिस अधिकारियों को अवार्ड देने की घोषणा की है।
आगे क्या: लड़की नाबालिग आरोपित का जेल जाना तय
लड़की नाबालिग और लड़का बालिग है। स्वेच्छा से भी लड़की साथ गई है तो नाबालिग होने की वजह से अपहरण के आरोपित को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा जाएगा। नाबालिग की शादी मान्य नहीं होगी। अब किशाेरी पर निर्भर करता है कि वह मां-बाप के साथ रहना चाहती है या नहीं। उसने कोर्ट में जो बयान दर्ज कराया है, उसमें अगर मां-बाप के साथ रहने पर खतरा जताती है तो सुरक्षा की दृष्टि से उसे उत्तर रक्षा गृह में रखा जाएगा। अगर मां-बाप के साथ रहना चाहेगी तो कोर्ट के आदेश पर पुलिस उसे उन्हें साैंप देगी। -डॉ. संगीता शाही, एपीपी सह वरीय अधिवक्ता।
दिघरा कांड से सभी को सबक लेने की जरूरत
आप में से बहुतों ने कथाकार सुदर्शन की कहानी हार की जीत पढ़ी होगी और डाकू खड़ग सिंह और बाबा भारती का संवाद भी याद होगा। जब अपाहिज का रूप धर कर डाकू खड़ग सिंह ने बाबा के घोड़े सुल्तान को भगा लिया था, तो बाबा ने डाकू से विनती की थी कि किसी से इसका जिक्र न करना। अन्यथा, लोग दीन दुखियों पर विश्वास करना छोड़ देंगे। यद्यपि इस कहानी का अंत बेहद सुखद था, डाकू को सद्बुद्धि आ गई थी और उसने घोड़े को लौटा दिया था।
आज इसकी चर्चा इसलिए कि पिछले दिनों एक किशोरी के गायब होने की बात को जिस तरह ड्रामाई अंदाज में डकैती के दौरान घर से उठा ले जाने की बात कही गई, वह पूरे समाज को उद्वेलित कर गया था। आम ओ खास सभी इस कांड को लेकर न केवल चिंतित थे, बल्कि भयभीत भी थे। पर, गुरुवार को पुलिस के सामने दिल्ली से बरामद कर लाई गई किशोरी ने जो बयान दिया, वह बेहद चौंकाने वाला था।
प्रेमी के साथ भागने से लेकर शादी रचाने तक का घटनाक्रम सामने आने के बाद वे सारे लोग ठगे से दिख रहे थे, जो पूरे वाकये को डकैती और अपहरण से जोड़ कर आंदोलन कर रहे थे। किशोरी को भगाकर ले जाना नि:संदेह अपराध है, लेकिन घरवालों द्वारा गलत सूचना देना इससे कम है क्या? पुलिस ने फिलहाल झूठी एफआईआर पर चुप्पी साध ली है। पर, एक बड़ा सवाल यह जरूर खड़ा हो गया है कि यदि भविष्य में ऐसी कोई बात सामने आएगी तो क्या लोग पीड़ित पर विश्वास कर पाएंगे।
input-Bhaskar