बस से या पैदल बिहार आ रहे लोग साथ ला रहे संक्रमण, अब तक 10 लोगों की पुष्टि

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पटना : बिहार में कोरोना वायरस संक्रमित एक और व्यक्ति की पहचान हुई है। इसी के साथ बिहार में संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है। इसमें से कोरोना संक्रमित एक मरीज की बीते रविवार को मौत हो चुकी है।

Lockdown Bihar

राजेंद्र स्मारक चिकित्सा विज्ञान अनुसंधान संस्थान (आरएमआरआई) के निदेशक डॉक्टर प्रदीप दास ने शनिवार को बताया कि उनके यहां हुई 90 नमूनों की जांच में एक 23 वर्षीय एक महिला के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई।

सूत्रों के अनुसार, यह महिला उसी निजी अस्पताल में संक्रमित हुई जहां के वार्ड ब्वॉ य सहित दो कर्मचारी कोरोना वायरस संक्रमित मुंगेर निवासी एक मरीज के संपर्क में आए थे। राज्य में अब तक 10 मरीजों में कोरोना की पुष्टि हुई है। इसमें पटना के पांच, मुंगेर के तीन, सीवान के एक और नालंदा के निवासी हैं। नालंदा निवासी मरीज भी पटना के खेमनीचक इलाके में रहता है।

उल्लेखनीय है कि निजी अस्पताल में भर्ती कराए गए मुंगेर के मरीज की बाद में पटना एम्स में मौत हो गई थी। कतर से लौटे मुंगेर निवासी उस मरीज को इलाज के लिए पहले पटना के बाईपास स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में उसे पटना एम्स में भर्ती कराया गया, जहां रविवार को उसकी मौत हो गई। पटना जिला प्रशासन ने इस निजी अस्पताल के सभी डॉक्टरों, नर्सो और कर्मचारियों को अलग रहने का निर्देश दिया है तथा अस्पताल को सील कर दिया गया है।

इस हरकत से खफा हैं नीतीश

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लॉकडाउन में दूसरे राज्यों से अपने मूल प्रदेश लौट रहे मजदूरों और अन्य गरीब लोगों को बसों से भेजे जाने पर नाराजगी जताते हुए इसे एक गलत कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह कदम लॉकडाउन को पूरी तरह असफल कर देगा। मुख्यमंत्री ने शनिवार को एक टीवी चैनल से बात करते हुए कहा कि विशेष बसों से लोगों को भेजना एक गलत कदम है। उन्होंने कहा कि इससे कोरोना वायरस महामारी और फैलेगी, जिसकी रोकथाम और उससे निबटना सबके लिए मुश्किल होगा।

नीतीश ने कहा, “जो जहां हैं उनके लिए रहने-खाने की व्यवस्था वहीं की जा रही है। बसों से लोगों को उनके राज्य भेजने का फैसला लॉकडाउन को पूरी तरह असफल कर देगा।”

नीतीश ने कहा कि स्थानीय स्तर पर ही कैम्प लगाकर लोगों के रहने और खाने का इंतजाम किया जाना चाहिए। कहा जा रहा है कि दिल्ली से हजारों की संख्या में लोग अपने घर जाने के लिए पैदल निकल पड़े हैं। इसे देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने 200 बसों का इंतजाम किया है। ये बसें नोएडा-गाजियाबाद से हर दो घंटे में रवाना होंगी। इन बसों में ज्यादातर लोग पूर्वाचल और बिहार के हो सकते हैं।


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