धोनी के वर्ल्ड कप 2011 के विनिंग सिक्स के सम्मान में मिल सकती है वानखेड़े स्टेडियम में स्थाई सीट

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•धोनी के योगदान के लिए आभार और सम्मान के रूप में एमसीए को उनके नाम एक स्थाई सीट देनी चाहिए। यह स्थाई सीट उसी स्टेडियम के उसी स्टैंड में होनी चाहिए, जहां धोनी का वह मशहूर वर्ल्ड कप छक्का गिरा था।

आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप 2011 का फाइन मैच भारतीय क्रिकेट इतिहास वह पल है, जो गर्व करने वाला है। मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में भारत और श्रीलंका के बीच खेले जा रहे वर्ल्ड कप 2011 के फाइनल मैच में तत्कालीन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने शानदार छक्का जड़ भारत को जीत दिलाई थी। भारतीय क्रिकेट टीम ने 28 साल के इंतजार के बाग वर्ल्ड कप चैंपियन बनने का सपना एक बार फिर से पूरा किया था। इससे पहले 1983 में कपिल देव की कप्तानी में भारत ने पहली बार विश्व कप का खिताब अपने नाम किया था। 
महेंद्र सिंह धोनी ने 15 अगस्त की शाम इंटरनैशनल क्रिकेट कह दिया है। इसी के साथ धोनी के महान इंटरनैशनल क्रिकेट करियर का भी अंत हो गया है। धोनी ने अपने क्रिकेट करियर में भारत को कई बार गर्व करने का मौका दिया। धोनी के संन्यास के बाद से ही उन्हें कई तरह के सम्मान, उनकी जर्सी रिटायर करने जैसी मांगे उठ रही हैं। इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक खबर के मुताबिक, मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन एपेक्स काउंसिल के एक सदस्य ने एमसीए को एक पत्र लिखकर मांग की है कि वानखेड़े में एक सीट धोनी के लिए स्थाई की जाए। यह धोनी की उपलब्धियों को सेलिब्रेट करने का एक तरीका होगा। 

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इस रिपोर्ट के मुताबिक, ”अजिंक्य नाइक के लिखे इसे खत में कहा गया है- भारतीय क्रिकेट में महेंद्र सिंह धोनी के अपार योगदान के लिए आभार और सम्मान के रूप में एमसीए को उनके नाम एक स्थाई सीट देनी चाहिए। यह स्थाई सीट उसी स्टेडियम के उसी स्टैंड में होनी चाहिए, जहां धोनी का वह मशहूर वर्ल्ड कप छक्का गिरा था।”

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पत्र में आगे लिखा है, ”हम उस क्षेत्र का पता लगा सकते हैं, जहां गेंद गिरी थी। धोनी का वह वर्ल्ड कप 2011 का छक्का उड़कर किस सीट पर पहुंचा था।” एक खिलाड़ी को सम्मानित करने के लिए एक सीट का नाम देने का अनुरोध भारत मेंअनोखा होगा। भारतीय क्रिकेट के मैदानों में आमतौर पर नाम महान खिलाड़ियों को सम्मानित करने के लिए उनके नाम का स्टैंड होता है। लेकिन उपलब्धियों के लिए सीट का नामकरण करने की परंपरा भारत के बाहर ही हुई है।

ऑस्ट्रेलिया में ऑकलैंड में खिलाड़ियों के छक्के मारने वाली सीटों को चित्रित किया गया है। ग्रांट इलियट के सम्मान में एक सीट का नाम रखा गया है, जिन्होंने 2015 में पहली बार आईसीसी विश्व कप के फाइनल में पहुंचने में न्यूजीलैंड की मदद करने के लिए डेल स्टेन को छक्का जड़ा था।

जिस सीट पर ग्रांट इलियट की गेंद गिरी थी, उस सीट पर लिखा है- ”यहां ग्रांट इलियट की वह जादुई सिक्स गिरा था। 24 मार्च 2015, जब न्यूजीलैंड पहली बार वर्ल्ड कप के फाइनल तक पहुंचा था।”

Input-Hindustan


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Gulam Gaush

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