100 कत्ल के बाद संख्या गिनना छोड़ दिया था ये डॉक्टर, मगरमच्छ के आगे फेंक देता था लाश..

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नई दिल्ली : गुरूग्राम किडनी कांड में शामिल रहे अलीगढ़ के डॉ. देवेंद्र शर्मा को दिल्‍ली में गिरफ्तार कर लिया गया है। उसने साल 2002 से 2004 के बीच दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में सौ से अधिक टैक्सी चालकों की हत्या की। 100 हत्याओं के बाद मर्डर करने की गिनती करना छोड़ दिया था। उसने बिहार के सिवान जिले से BAMS की डिग्री ले रखी है। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की टीम ने हत्या के एक मामले में पेरोल की अवधि खत्म होने के छह महीने बाद उसे पकड़ा है।

नहर में फेंक देता था शव
रिपोर्ट्स की मानें तो वारदात को अंजाम देने के बाद डॉ अलीगढ़ मंडल के जिला कासगंज के हजारा कैनाल में शवों को फेंक देता था। जहां मगरमच्छ शवों को खा जाते थे। चिकित्सक की इस हरकत से पत्नी और बच्चे परेशान होकर उसे साल 2004 में ही छोड़ कर अलग हो गए थे। देवेंद्र अलीगढ़ जिला स्थित पुरेनी गांव का रहने वाला है। गुरुग्राम किडनी कांड में दोषी पाए जाने पर उम्र कैद की सजा मिली थी। पेरोल पर बाहर आने के बाद पुलिस से बचने के लिए दिल्ली में एक विधवा से शादी कर प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करने लगा।

कैसे गिरफ्तार हुआ ये डॉक्टर
सीरियल किलिंग और हत्या के एक मामले में उम्रकैद का सजायाफ्ता डॉ. देवेंद्र शर्मा जयपुर की सेंट्रल जेल से जनवरी में 20 दिन के पेरोल पर बाहर आया था। इसके बाद वह फरार हो गया था। जानकारी मिली कि वह दिल्ली में छिपा है। इसके बाद उसे दिल्ली के बपरोला की गली नंबर-10 के एक मकान से गिरफ्तार कर लिया गया है।

क्लीनिक के बाद चलाने लगा नकली गैस एजेंसी
पूछताछ में देवेंद्र शर्मा ने बताया कि 1982 में इसने शादी कर ली। सिवान से बीएएमएस में स्नातक करने के बाद 1984 से 11 सालों तक जयपुर के बांदीकुई में जनता अस्पताल और डायग्नोस्टिक्स के नाम से क्लिनिक चलाया। 1994 में थापर चैंबर में भारत फ्यूल कंपनी के कार्यालय ने गैस डीलरशिप देने की योजना चलाई। उसने इसमें 11 लाख रुपये का निवेश किया था, लेकिन कंपनी के अचानक गायब होने से उसका पैसा डूब गया। एक साल बाद इसने अलीगढ़ के छर्रा में भारत पेट्रोलियम की एक नकली गैस एजेंसी शुरू की। उस दौरान पास के गांव दलालपुर निवासी राज, उदयवीर और वेदवीर के संपर्क में आया। उनके साथ मिलकर चालक की हत्या करके एलपीजी सिलेंडर ले जाने वाले ट्रकों को लूटना शुरू किया। फर्जी गैस एजेंसी में सिलेंडर उतारकर मेरठ में लूटे गए ट्रक को बेचते थे। डेढ़ साल बाद उसे नकली गैस एजेंसी चलाने के लिए गिरफ्तार किया गया। इसके बाद वर्ष 2001 में उसने फिर अमरोहा में नकली गैस एजेंसी शुरू की।

कैसे किडनी गैंग में शामिल हुआ ये डॉक्टर
1994 में भारी नुकसान के बाद वह जयपुर, बल्लभगढ़, गुरुग्राम और अन्य जगह चल रहे इंटरस्टेट किडनी प्रत्यारोपण गिरोह में शामिल हो गया। उसे गुरुग्राम में डॉ. अमित द्वारा संचालित अनमोल नर्सिंग होम में किडनी रैकेट मामले में साल 2004 में गिरफ्तार किया गया। 1994 से 2004 तक वह अवैध रूप से किए गए 125 से अधिक किडनी प्रत्यारोपण के लिए उसने किडनी देने वाले लोगों की व्यवस्था की। एक प्रत्यारोपण में उसे 5-7 लाख रुपये मिलते थे। इसी दौरान वह जयपुर गया और 2003 तक अपना क्लिनिक चलाता रहा।

100 से ज्यादा लोगों को उतारा मौत के घाट
देवेंद्र दिल्ली और पड़ोसी राज्यों में ट्रक और टैक्सी ड्राइवरों की हत्या के 100 से ज्यादा मामलों को अंजाम दे चुका है। इस आयुर्वेदिक डॉक्टर को बपरोला इलाके से गिरफ्तार किया गया। वह पेरोल से भागकर जनवरी से वहां रह रहा था। पुलिस ने दावा किया कि वह हत्या के संभवत: 100 से ज्यादा मामलों में संलिप्त रहा है। हालांकि, वास्तविक संख्या की पुष्टि नहीं की जा सकती क्योंकि दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में उसके खिलाफ दर्ज मामले में संबंधित राज्यों की पुलिस जांच कर रही है।


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