फिरौती के लिए 26 बार फोन आया फिर भी किडनैपर तक नहीं पहुंच पाई पुलिस, नतीजा- बुझ गया घर का चिराग
कानपुर (उप्र) जनपद के बर्रा थाना क्षेत्र से करीब महीने भर पहले कथित तौर पर फिरौती के लिए अपहृत लैब टेक्नीशियन की उसके अपहर्ताओं ने हत्या कर दी है। संजीत की हत्या कर शव को नदी में फेंक दिया गया है। पुलिस ने 31 दिन बाद इस मामले की जांच में खुलासा किया है कि पांच आरोपितों को पकड़ लिया है लेकिन अभी तक शव नहीं मिला है। गोताखोरों की टीम लगातार शव को ढूंढने में लगी हुई है। संजीत यादव के अपहरण के बाद अपहर्ताओं ने उसके परिजनों को 26 बार फोन किया, लेकिन खुद को स्मार्ट कहने वाली यूपी पुलिस उन्हें ट्रेस नही कर पाई।
5 दिन तक बनाया बंधक फिर कर दी हत्या
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) दिनेश कुमार प्रभु ने बताया कि एक महिला और अपहृत के दो मित्रों सहित अब तक पांच लोगों को मामले में गिरफ्तार किया गया है। प्रभु ने बताया कि शुरुआत में इन पांचों लोगों ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की लेकिन बाद में विस्तृत पूछताछ के दौरान उन्होंने अपराध कबूला कर लिया। गोविन्द नगर पुलिस क्षेत्राधिकारी विकास पाण्डेय ने बताया, “आरोपी कुलदीप अपहृत संजीत यादव के साथ किसी अन्य पैथलॉजी में काम करता था । कुलदीप ने यादव को रतनलाल नगर स्थित अपने किराये के मकान पर शराब पार्टी के लिए बुलाया। वहां यादव को नशीला इंजेक्शन दिया गया और पांच दिन तक बंधक रखा गया।”
होश में आते ही नशे का इंजेक्शन देते थे
पाण्डेय ने बताया कि जब-जब विकास को होश आता, अपहर्ता उसे नशे का इंजेक्शन दे देते। उन्होंने कहा कि कुलदीप ने अन्य लोगों की मदद से या तो 26 या फिर 27 जून को यादव की हत्या कर दी और शव को एक कार से ले जाकर पांडु नदी में फेंक दिया। एसएसपी ने बताया कि अपराध और निगरानी शाखा सहित कई पुलिस दलों को शव को खोजने में लगायी गया है।
23 जून को दर्ज कराई गई थी गुमशुदगी की रिपोर्ट
एसएसपी ने बताया कि टेक्नीशियन की मोटरसाइकिल और मोबाइल फोन का भी पता लगाने की कोशिश हो रही है जो उसके अपहरण के बाद से नहीं मिले हैं। एसएसपी ने बताया कि 22 जून को बर्रा निवासी यादव का अपहरण किया गया था। उसके परिवार वालों ने 23 जून को बर्रा थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करायी थी। तीन दिन बाद मामले में अपहरण की धाराएं जोडी गयीं। मृतक के परिवार वालों का दावा है कि 29 जून को उन्हें अपहर्ताओं का फोन आया, जिन्होंने यादव की सुरक्षित रिहाई के लिए 30 लाख रुपये फिरौती मांगी ।
परिवार वालों ने दी थी 30 लाख की फिरौती
परिवार वाले मीडिया के सामने आये और बताया कि उन्होंने 30 लाख रुपये से भरा बैग पुलिस की मौजूदगी में एक फ्लाईओवर से रेल पटरी पर फेंका था। उन्होंने वही किया जो अपहर्ताओं ने कहा था लेकिन अपहर्ताओं ने यादव को नहीं छोड़ा। लैब टेक्नीशियन के घर वालों द्वारा 30 लाख रुपये की फिरौती अपहर्ताओं को देने की खबरें मीडिया में आने के बाद एसएसपी प्रभु ने कहा था कि वह इन खबरों का संज्ञान ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह पीड़ित परिवार से बात भी कर रहे हैं । कोई गलत पाया गया तो उसे दंडित किया जाएगा । उस समय एसएसपी ने पीड़ित परिवार को आश्वासन दिया कि यादव की सुरक्षित वापसी करायी जाएगी।
पहले फिरौती से इंकार कर रही थी पुलिस
पुलिस अधीक्षक (दक्षिण) अपर्णा गुप्ता ने हालांकि फिरौती के दावे को नकारा है। उनका कहना था कि 30 लाख रुपये फिरौती दिये जाने की बात सही नहीं है। उन्होंने कहा कि जब यादव के परिवार वालों से पूछा गया कि इतना पैसा कहां से आया तो वे संतोषजनक जवाब नहीं दे सके । अपर्णा ने कहा कि परिवार चूंकि उस समय परेशान था इसलिए हमने उनके प्रति सहानुभूतिपूर्ण रवैया रखा। एसएसपी ने तत्कालीन बर्रा थाना प्रभारी रंजीत राय को लापरवाही बरतने के लिए 16 जुलाई को निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश दे दिये थे।