National

दिसंबर में Oxford Covid-19 Vaccine आने पर किन लोगों को मिलेगी प्राथमिकता, जानिए कीमत?

Share

पुणे: एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की ओर से विकसित की जा रही वैक्सीन पर तेजी से काम हो रहा है। इस दौरान परीक्षणों के उत्साहजनक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। इस बीच सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की ओर से जारी आधिकारिक बयान खुश करने वाली है। सीरम इंस्टीट्यूट के प्रमुख ने वैक्सीन की 70 करोड़ से 80 करोड़ खुराकों का निर्माण फाइनल टेस्टिंग के तुरंत बाद शुरू करने की बात कही है।

अगर सब कुछ ठीक रहा तो दिसंबर 2020 या फिर 2021 की पहली तिमाही के बीच कोरोना वैक्सीन बाजार में होगा। हालांकि शुरुआती दौर में सरकार ही तय कर पाएगी कि किसे प्राथमिकता के हिसाब से वैक्सीन का डोज देना है। पूरी आबादी को वैक्सीन देने में समय लगेगा। इस बारे में सभी प्रक्रिया तेजी से अपनाई जा रही है।

वैक्सीन के शुरुआती खेप आने पर किसे मिलेगी प्राथमिकता

माना जा रहा है कि वैक्सीन के बाजार में उतरते ही सबसे पहले हेल्थकेयर कर्मचारियों को इसकी डोज दी जाएगी। जान जोखिम में डालकर स्वास्थ्यकर्मी मरीजों की सेवा में लगे हैं। इसके बाद बुजुर्गों और बच्चों के साथ ही बीमार लोगों को प्राथमिकता मिलेगी। आखिर में युवाओं और कम खतरे वाले लोगों को वैक्सीन मिलेगी।

वैक्सीन निर्माता SII इस क्षेत्र में सबसे बड़ी कंपनी है जिसका ऑक्सफोर्ड और उसके साथी एस्ट्राजेनेका से करार है। भारत में भी वैक्सीन के बड़े पैमाने पर उत्पादन की उम्मीद है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला ने इस बारे में अहम जानकारी दी।

शुरू होने वाली है स्टेज 3 की टेस्टिंग्स

स्टेज 3 की टेस्टिंग्स अगले एक या दो हफ्ते में शुरू हो जाएगी। जिसे पूरा करने में कुछ महीनों का वक्त लगेगा। सबकुछ ठीक रहा तो एक महीने के भीतर अस्पताल में मरीजों पर ट्रायल होना शुरू हो जाएगा। स्टेज 3 के टेस्टिंग्स के लिए अस्पतालों की पहचान कर ली गई है। खासकर मुंबई और पुणे के कई अस्पताल इसके लिए तैयार हैं। स्टेज 3 में करीब 5,000 रोगियों पर टेस्टिंग होगी।

भारत में कितनी होगी वैक्सीन की कीमत

वैक्सीन चूंकि अभी शुरुआती दौर के परीक्षण में है। लिहाजा इसकी ठीक ठीक कीमत बता पाना संभव नहीं है। हालांकि इसकी भारत में अनुमानित कीमत करीब 1000 रुपए हो सकती है। जिस तरह से कोरोना वैक्सीन को लेकर खबरें मिल रही हैं उससे तो यही लगता है कि भारत अब वैक्सीन उत्पादन के क्षेत्र में विश्व में अगुवा बनकर उभरेगा।

वैक्सीन के कितने खुराक लेने होंगे

जिस वैक्सीन की हम यहां चर्चा कर रहे हैं उसके एक से अधिक खुराक लेने पड़ सकते हैं। आम तौर पर किसी भी बीमारी के लिए वैक्सीन के कई डोज लेने होते हैं। प्राइमर यानी टीके का पहला डोज हमें 50-60% ही सुरक्षित कर पाता है। इसके बाद दूसरी खुराक से 70-80% बीमारी की आशंका कम होती है। हालांकि कई बार ऐसा भी होता है कि टीके के पहले डोज के बाद ही इंसान पूरी तरह सुरक्षित हो जाता है। जानकारों की मानें तो भारत में नब्बे फीसदी लोगों की मेडिकल स्थिति अच्छी है, इनके एक डोज लेने से भी काम हो सकता है। जबकि बाकी के दस फीसदी लोगों को दूसरे या तीसरे डोज की जरूरत होगी।

टीका लगाने पर क्या नुकसान?

आम तौर पर कोई भी वैक्सीन लेने पर शरीर में प्रतिक्रिया होती है और बुखार या फिर कोई अन्य लक्षण देखने को मिलता है। कोरोना वैक्सीन लेने पर भी थकान, सिरदर्द जैसी स्थितियां देखने को मिल सकती है। हालांकि इससे डरने वाली बात नहीं है। बल्कि ये वैक्सीन का सामान्य असर होगा। हालांकि कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनी का कहना है कि इस वैक्सीन का दुष्परिणाम शरीर पर बहुत कम देखने को मिलेगा।

टीका बनाने की दौर में कई कंपनियां
दुनियाभर की दर्जनभर से अधिक कंपनियां कोरोना वैक्सीन का टीका बनाने में जुटी हुई हैं। इन सबमें होड़ है कि किसे पहले मान्यता मिलती है। हालांकि आधिकारिक तौर पर कंपनियां इस बात को खारिज करती हैं कि वो हड़बड़ी में परीक्षण कर रहे हैं। उनका मानना है कि सभी मानकों को ध्यान में रखा जा रहा है। अगर अंतिम चरण के परीक्षण में कोई दिक्कत होती है तो इन वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों को करोड़ों डॉलर का नुकसान होगा। जिसके लिए ये पूरी तरह तैयार हैं। अगर परीक्षण सफल होता है तो दुनियाभर में उक्त कंपनी की धाक होगी।


Share

NNB Live Bihar

NNBLiveBihar डॉट कॉम न्यूज पोर्टल की शुरुआत बिहार से हुई थी। अब इसका विस्तार पूरे बिहार में किया जा रहा है। इस न्यूज पोर्टल के एडिटर व फाउंडर NNBLivebihar के सभी टीम है। साथ ही वे इस न्यूज पोर्टल के मालिक भी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!