सकरा में मनरेगा योजना में मजदूरो का हक मार रहे ठिकेदार, डीएम से की गई शिकायत
-नौ लाख की लागत से हो रहा सडक का निर्माण।
जेसीबी से कराया जा रहा कार्य ,डीएम से की गई शिकायत
मामले की लीपापोती कर रहे कनीय अधिकारी
मुजफ्फरपुर/ सकरा
मनरेगा की योजना राशि में गड़बड़ी की शिकायत आम हो चुकी है , सकरा प्रखंड के डिहुली इसहाक पंचायत में बुधवार को अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने इस योजना की पोल ही खोल कर रख दी। मजदूर की जगह जेसीबी (JCB) से काम कराने का भंडाफोड़ हुआ । रात में जेसीबी (JCB) तो दिन में मजदूरों से काम कराया जा रहा है । इसकी शिकायत ग्रामीणों ने डीएम व प्रोग्राम पदाधिकारी से की । मनरेगा के जेई व कार्य स्थल पर पहुंचकर जांच की ।लोगों ने बताया कि इस वक्त मजदूर जेसीबी आने जाने के निशान मिटाने में जुटे थे ।बावजूद कई स्थानों पर जेसीबी का निशान था।प्रोग्राम अधिकारी पंकज कुमार पाल ने यह कह कर पल्ला झाड़ लिया कि हम अभी रास्ते में है ।मनरेगा के जेई ने यह स्वीकार किया है कि कार्यस्थल पर जेसीबी गई है ।
लेकिन यह खजूर के पेड़ को हटाने के लिए गई थी न की मिट्टी भराई के लिए ।प्रथम दृष्टया यह साबित हो गया है कि कार्यस्थल के पास जेसीबी गई थी ।जेसीबी से कार्य कराने का निशान स्पष्ट रूप से पहचान में आ रहा था । बताया जाता है कि पंचायत समिति नीतू देवी की योजना से गोवाइत सीमान से पहाड़पुर तक करीब नौ लाख की लागत से सडक़ निर्माण का कार्य चल रहा था ।
योजना का मुख्य उद्देश्य प्रवासी मजदूरों को रोजगार देकर आर्थिक संकट से निकालना था परंतु मंगलवार की रात्रि से बुधवार तक जेसीबी चलाकर सड़क का निर्माण कराया गया इसकी शिकायत रात को ही डीएम व अन्य अधिकारियो से की गई ।
जैसे ही मामले की जानकारी अधिकारियों को हुई तो मामले में लीपापोती की जाने लगी पंचायत के मुखिया सोना देवी ने कहा कि मामले की शिकायत मिली है। वरीय अधिकारियों के जांच उपरांत ही पता चल पाएगा कि आखिर मनरेगा योजना में कार्यस्थल पर जेसीबी क्यों लाई गई थी।