बिहार में फिर टूटा वज्रपात का कहर, खराब मौसम में न निकलें घर से बाहर
बिहार में एक बार फिर वज्रपात का कहर टूटा है। गुरुवार को अपराह्न बाद वज्रपात से 21 लोगों की मौत की सूचना आ रही है। सबसे अधिक समस्तीपुर जिले में 8 लोगों की मौत हो गई है। वहीं, पटना में भी पांच लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा पूर्वी व पश्चिमी चंपारण में चार लोग इसकी चपेट में आकर जान गंवाए हैं। बता दें कि इसके पहले मंगलवार को भी 11 लोगों की मौत हुई थी। इस तरह, दो दिनों में 32 लोगों की मौत वज्रपात से हो गई है। गौरतलब है कि 23 जून को बिहार में वज्रपात से सबसे अधिक 100 से अधिक लोगों की जान चली गई थी।
मौसम विभाग लगातार भारी बारिश, वज्रपात व मेघ गर्जन का अलर्ट दे रहा है। हर तीन घंटे के बाद इसकी सूचना दी जा रही है। जबकि आपदा विभाग की ओर से इंद्रवज्र नामक मोबाइल ऐप भी लांच किया गया है। यह ऐप वज्रपात के अलर्ट की जानकारी देता है। इसके बाद भी लोग समझ नहीं पा रहे हैं और वज्रपात की चपेट में आ जा रहे हैं। खास बात कि सीएम नीतीश कुमार भी लगातार आग्रह का रहे हैं कि खराब मौसम में लोग घरों से बाहर न निकलें।
जानकारी के अनुसार, गुरुवार को दोपहर बाद अचानक मौसम ने कहर बरपाया। वज्रपात से 20 लोगों की मौत हो गई। समस्तीपुर में आठ तो पटना में पांच लोगों की मौत हो गई। वहीं, पूर्वी चंपारण में तीन, कटिहार-शिवहर में दो-दो तथा पश्चिमी चंपारण में एक की मौत हो गई है। यह संख्या बढ़ भी सकती है। इधर, समस्तीपुर में आठ लोगों की मौत में विभूतिपुर-02, रोसड़ा- 03, पूसा-01, समस्तीपुर मुख्यालय-01 तथा सरायरंजन-01 की मौत हुई है।
वज्रपात को लेकर इन बातों का रखें ख्याल
बादलों के गर्जन के समय ऊंचे पेड़ों की शरण न लें। न ही वर्षा से बचने हेतु ऐसा किया जाए। अकेले पेड़ या ऊंची संरचनाओं की शरण बिल्कुल न ली जाए। मजबूरी हो, तो छोटे पेड़ों के पास ही रहें। खुले आसमान के नीचे अकेले फंस गये हों तो गड्ढों या नीची चट्टानों की ओट लें। विस्तृत मैदान में, जहां कोई पेड़ या ऊंची रचना न हो, वहां खड़े रहने की गलती न करें। उसी छतरी का इस्तेमाल करें, जिसमें धातु की बजाय लकड़ी का हैंडल लगा हो। आसपास कोई भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, मसलन कंप्यूटर, मोबाइल फोन आदि चालू हालत में न रखें। बिजली के खंभों और टॉवरों से दूरी बरतें। वाहनों से निकल कर तुरंत सुरक्षित स्थानों पर जाएं। बिजली चमकने के समय धातु के तारों, खिड़की, ग्रिल आदि से दूर रहें। उस समय बिजली का हर उपकरण बंद रखा जाये। वज्रपात की आशंका हो तो खुली जमीन पर न लेटें। विशाल मैदान हो, तो झुंड में न खड़े हों। दलदली तथा जल-जमाव के स्थानों से दूर रहा जाये।