आखिर क्यों गिरती है आकाशीय बिजली, कैसे बच सकती है लोगों की जान
पटना/लखनऊ : मानसून के आते ही आकाशीय बिजली गिरने की खबर अक्सर सुनाई पड़ती है। लोग प्राकृतिक घटना मानकर इसे नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन गुरुवार को बिहार और उत्तर प्रदेश में जो घटना घटी है, इसके बाद जरुरत है आकाशीय बिजली से जुड़े हर उन पहलुओं को जानने की जिससे लोगों की जान बचाई जा सके और खुद इस आपदा से सुरक्षित रहा जा सके।
बिहार में आकाशीय बिजली गिरने से करीब 83 लोगों की मौत हो गई है, जबकि उत्तर प्रदेश में करीब 24 लोगों की जिंदगी खत्म हो गई। बिहार और उत्तर प्रदेश में पिछले दो दिन में गरज के साथ बारिश और बिजली गिरने की वजह से 110 लोगों की मौत हो गई। वहीं कम से कम 32 घायल हो गए और व्यापक स्तर पर संपत्ति को क्षति पहुंची। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर दुख जताते हुए एक ट्वीट भी किया है।
बिहार और उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में भारी बारिश और आकाशीय बिजली गिरने से कई लोगों के निधन का दुखद समाचार मिला। राज्य सरकारें तत्परता के साथ राहत कार्यों में जुटी हैं। इस आपदा में जिन लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है, उनके परिजनों के प्रति मैं अपनी संवेदना प्रकट करता हूं।
— Narendra Modi (@narendramodi) June 25, 2020
पटना में आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार अभी तक राज्य में बिजली गिरने से 83 लोगों की मौत हुई है। उन्होंने बताया कि इन घटनाओं में 20 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं और अस्पतालों में भर्ती हैं।
दूसरी तरफ लखनऊ में अधिकारियों ने बताया कि उत्तर प्रदेश में गुरुवार को बिजली गिरने से कम से कम 24 लोगों की मौत हो गई और 12 घायल हो गए। उन्होंने बताया कि बुधवार को बिजली गिरने से तीन लोग की मौत हो गई थी।
क्यों गिरती है आकाशीय बिजली
आकाश में चमकती बिजली अपने पीछे कई सवाल खड़ी करती है। उन्हीं में से एक है कैसे और क्यों गिरती है आकाशीय बिजली। विशेषज्ञों का मानना है कि आकाश में विपरीत एनर्जी के बादल हवा से आपस में टकराते रहते हैं। टकराने से इनमें होने वाले घर्षण से बिजली पैदा होती है और वह धरती पर गिरती है।
एक्सपर्ट का कहना है कि आकाश में किसी तरह का कंडक्टर नहीं होता है, इसलिए बिजली धरती की तरफ आकर्षित होती है, जिसे बिजली गिरना कहते हैं। धरती पर पहुंचने के बाद बिजली को कंडक्टर की जरूरत पड़ती है। लोहे के खंभों के अगल-बगल या फिर पेड़ से जब आकाशीय बिजली गुजरती है तो वह कंडक्टर का काम करता है। उस समय कोई व्यक्ति यदि उसके संपर्क में आता है तो उसकी जान तक जा सकती है।
इन बातों का रखें ध्यान तो बच सकती है जिंदगी
धारणा है कि आकाशीय बिजली की चपेट में आए लोगों को छुना नहीं चाहिए, लेकिन यह बिल्कुल गलत है। यदि किसी व्यक्ति पर बिजली गिरती है या वो इसकी चपेट में आता है तो उसे फौरन डॉक्टर के पास ले जाएं या फिर तत्काल मदद मांगे।
बिजली गिरने से अक्सर दो जगहों पर जलने की आशंका रहती है। वो जगह जहां से बिजली का झटका शरीर में प्रवेश किया और जिस जगह से उसका निकास हुआ जैसे पैर के तलवे।
कई बार व्यक्ति बिजली की चपेट में नहीं आता, लेकिन उसके बगल से गुजरने के कारण उसे सुनना या दिखना बंद हो जाता है। ऐसे में तत्काल उसे डॉक्टर के पास ले जाएं और जांच करें।
ऐसा नहीं है कि तूफान खत्म होते ही बिजली गिरने का संकट टल जाता है। अधिकांश मौतें तूफान गुजर जाने के 30 मिनट बाद तक बिजली गिरने से होती हैं। इसलिए तुरंत घर से बाहर न निकलें।
जिस वक्त आकाश में बिजली गरजती है तो हमें कुछ सावधानी बरतनी चाहिए। उस वक्त दुबक कर पैरों के बल बैठ जाएं, अपने हाथ घुटने पर रख लें और सर दोनों घुटनों के बीच। इस मुद्रा के कारण आपका जमीन से कम से कम संपर्क होगा।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि तूफान के वक्त इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का उपयोग कम करें, जैसे मोबाइल फोन। बिजली गरजते वक्त मोबाइल या फिर टीवी का इस्तेमाल न करें।