केरल में हथिनी के साथ ‘विश्वासघात’ पर बिहार का यह सैंड आर्टिस्ट हुआ इमोशनल, बनाई अनूठी कलाकृति
छपरा. केरल के मल्लपुरम में खाने की तलाश में इंसानी आबादी में पहुंची गर्भवती हथिनी को कुछ लोगों ने पटाखों से भरा अनानास खिला दिया था. अनानास हथिनी के मुंह में फट गया और इस घटना में जख्मी हथिनी की मौत हो गयी थी. घायल हथिनी इतने दर्द में थी कि तीन दिनों तक वह कुछ खा-पी नहीं पाई और लगातार पानी में खड़ी रही. इस घटना के लोकर पूरे देश में गुस्सा है. सोशल मीडिया पर लगातार आरोपियों के कड़ी सजा देने की मांग हो रही है. हथिनी के साथ विश्वासघात से नाराज सैंड छपरा के सैंड आर्टिस्ट (Chhapra Sand Artist) ने समाज को आईना दिखाने को एक दर्दनाक सैंड आर्ट (Sand art) बनाया है जिसका नाम उसने विश्वासघात रखा है.
जाने-माने सैंड आर्टिस्ट अशोक (Sand Artist) ने अपने गुस्से का इजहार सैंड आर्ट के जरिए किया है और इसे ‘विश्वासघात’ बताते हुए आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. 2 दिनों की मेहनत के बाद यह सैंड आर्ट तैयार किया है जो पूरे समाज को झकझोर रहा है.
अपने बनाए सैंड आर्ट में अशोक ने हाथी को गणेश जी की प्रतिमा के सामने गिरा हुआ दिखाया है जिसके पेट में एक छोटा सा गर्भस्थ शिशु भी दिख रहा है. भगवान गणेश की मूर्ति के पास लेटी हुई हथिनी मानों खुद के अत्याचार से अधिक अपने गर्भस्थ शिशु के लिए कह रही हो कि उसके साथ इंसानों ने विश्वासघात किया है.
अशोक के इस आर्ट में ऐसा प्रतीत हो रहा है कि हथिनी कह रही हो कि भगवान अब आपकी शऱण में हूं आप ही न्याय कीजिए. अशोक ने कहा है कि हाथियों को पटाखा खिलाना और मारना भारतीय संस्कृति नहीं है.
बता दें कि हथिनी की मौत के बाद पशु प्रेमियों में काफी आक्रोश दिख रहा है और लोग इस घटना से जुड़े सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं. इस मामले में केंद्र सरकार ने केरल सरकार से रिपोर्ट भी मांगी है और दोषियों को किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ने की बात कही है.
क्या है पूरा मामला
केरल के मल्लपुरम से इंसानियत को झकझोर देने वाली तस्वीर सामने आई थी. यहां एक गर्भवती मादा हथिनी खाने की तलाश में जंगल के पास वाले गांव पहुंच गई, लेकिन वहां शरारती तत्वों ने अनन्नास में पटाखे भरकर हथिनी को खिला दिया, जिससे उसका मुंह और जबड़े बुरी तरह से जख्मी हो गए.
वन विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक, विस्फोटक से उसके दांत भी टूट गए थे. इसके बाद भी मादा हथिनी ने गांव में किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया और वो वेलियार नदी पहुंच गई, जहां तीन दिन तक पानी में मुंह डाले खड़ी रही. बाद में उसकी और गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत हो गई.