स्पेशल ट्रेनों से घर भेजे जाएंगे मजदूर और लोग, केंद्र ने दी मंजूरी
नई दिल्ली : लॉकडाउन के कारण विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों, विद्यार्थियों व पर्यटकों के लिए केंद्र सरकार ने राहत की खबर है। केंद्र सरकार प्रवासी मजदूरों के लिए विशेष ट्रेनें चलाने की अनुमति दे दी है। इस बीच, रेल मंत्रालय ने प्रति दिन 400 ट्रेनें चलाने की तैयारी की है। हालांकि रेल मंत्रालय फिलहाल टिकट दम तय करने की कवायद कर रहा है, लेकिन रेलों में यात्रा के दौरान सोशल डिस्टेंस का पालन करना अनिवार्य है।
लॉकडाउन के कारण विभिन्न राज्यों में फंसे विद्यार्थियों व पर्यटकों तथा श्रद्धालुओं को राहत देते हुए केंद्रीय गृहमंत्रालय ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इससे अन्य राज्यों में फंसे लोगों को उनके गृह राज्यों तक पहुंचाने, ट्रेनें चलाने के विभिन्न राज्यों की तरफ से मिले ज्ञापनों को देखते हुए कैंद्रीय कैबिनेट ने यह फैसला लिया है।
स्पेशल ट्रेनों से अपने गृहराज्य जाने के इच्छुक लोगों के लिए कुछ शर्तें
* राज्यों के परस्पर सहमति से ही नियमों के मुताबिक श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी। इनके बीच समन्वय के लिए रेल मंत्रालय और राज्यों को वरिष्ठ अधिकारियों को नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करनी होगी।
* यात्री ट्रेन में सवार होने से पहले उन्हें भेजने वाले राज्यों को उनकी स्क्रीनिंग करनी होगी। कोविड-19 के लक्षण नहीं होने की पुष्टि होने के बाद की सफर की अनुमति देनी चाहिए।
* सैनिटाइज की गई बसों में यात्रियों को बैचवार रेलवे स्टेशन पहुंचाना चाहिए। यात्रियों को चेहरे पर मास्क पहनना होगा और सोशल डिस्टेंस बनाए रखना चाहिए।
यात्रियों को भेजने वाले राज्यों को ही उनके भोजन और पीने का पानी की व्यवस्था करनी होगी। अगर यात्रा लंबी दूरी की है तो ट्रेन में ही भोजन की व्यवस्था करनी होगी।
* यात्रियों के गंतव्य पर पहुंचने के बाद संबंधित राज्य सरकार को चाहिए कि उनकी स्क्रीनिंग करें। जरूरत पड़ने पर उन्हें क्वारंटाइन में भेजना चाहिए। रेलवे स्टेशन से यात्रियों को उनके घर या गांव पहुंचाने की व्यवस्था भी सरकार को ही करनी चाहिए।