वैशाली निवासी CRPF जवान का शव पहुंचा उनके पैतृक गांव, परिजन में मचा कोहराम..
गोरौल प्रखंड से कौशल किशोर सिंह की रिपोर्टः
वैशाली जिले के पटेढ़ी बेलसर प्रखंड की साइन पंचायत के रसुलपुर गांव में सब पहुंचते ही मचा कोहराम. ग्रामीणों में शोक की लहर दौड़ गई. शहीद के परिजनों का रो रो कर हुआ बुरा हाल. ग्रामीणों का हुजूम उनके घर पर जमा हो गया. सभी परिजनों को ढ़ाढस बनाने में लगे हुए थे. हर किसी की आंखें नम थी. अपने लाल की वीरता के शहादत पर लोगों में गौरव के साथ-साथ आतंकियों की कायराना हरकत के प्रति जबरदस्त आक्रोश भी था. अपने लाल की शहादत में डूबे गांव के किसी भी घर में चूल्हे तक नहीं जले थे.
पुलिस पदाधिकारी भी शहीद के घर पर डटे हुए थे.
राजीब शर्मा की शहादत की पहली सुचना जम्मू में ही सीआरपीएफ में तैनात उनके छोटे भाई संजीव शर्मा को मिली थी. जैसे ही यह खबर परिजनों व गांव वालों को मिली. तो पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई. ग्रामीणों को अपने लाल की शहादत पर गौरव के साथ आतंकियों की नापाक करतूत पर काफी गुस्सा भी था. शहीद जवान राजीव कुमार शर्मा के चाचा हेम चंद्र शर्मा ने बताया कि परिवार की जिम्मेदारियों तथा देश सेवा की प्रेरणा के साथ वर्ष 2001 में राजीव सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे. बाद में उनके छोटे भाई संजीव भी देश सेवा के लिए सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे. संजीव अभी जम्मू में ही पोस्टेड है. बीते जनवरी महीने में छुट्टी के दौरान राजीव घर आए थे. वह काफी मिलनसार व्यक्ति धनी थे. उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव के सरकारी विद्यालय में हुई थी. सेना में जाने के बाद वर्ष 2004 में उनकी शादी लालगंज के सररिया की अंजू शर्मा के साथ हुई थी. उनकी दो संतानें हैं. पुत्री शिवांगी कक्षा 6 में है, तथा पुत्र सौर्य कक्षा 3 का छात्र है. शहीद के सम्मान में बनाए तोरण द्वार रसुलपुर के ग्रामीणों ने शहीद के सम्मान में सड़कों की सफाई कर तोरण द्वार बनाकर फूलों से सजाया हुआ था. ग्रामीण कायरता पुर्वक कार्रवाई की कड़ी भर्त्सना करते हुए सरकार से कड़ी से कड़ी करने की मांग कर रहे थे. शनिवार की देर शाम से ही बड़ी संख्या में ग्रामीण शहीद के घर पर डटे हुए थे।