अब मजदूर जहां है वहीं रहेंगे, गृहमंत्रालय ने राज्य और केंद्र शासित राज्य को दिया ये बड़ा आदेश
लॉकडाउन (Lockdown) ने जिंदगी की रफ्तार को पूरी तरह थाम कर रख दिया है. लाखों कामगार बेरोजगार हो गए हैं क्योंकि उद्योग धंधे बंद हैं. ये प्रवासी मजदूर अपने-अपने घर लौटना चाहते हैं. इसलिए कभी-कभी इन मजदूरों का सैलाब सड़कों पर उतर आता है जिससे कोरोना से हो रही जंग कमजोर पड़ने लगती है. लेकिन अब केंद्रीय गृहमंत्रालय ने इनके लिए एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम जारी किया है. जिसके तहत जो मजदूर जहां है वो वहीं रहेंगे. कोई एक जिले से दूसरे जिले या एक राज्य से दूसरे राज्य नहीं जा सकेगा.
गृहमंत्रालय (MHA) ने राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के भीतर फंसे हुए मजदूरों की आवाजाही के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम जारी किया गया है. इसके तहत मजदूर वर्तमान में जहां रह रहे हैं वहीं रहेंगे. केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों के बाहर उनकी किसी भी तरह की आवाजाही नहीं होगी.
कार्य स्थल पर जाने से पहले होगी स्क्रीनिंग
इसके साथ ही अगर कोई प्रवासियों का एक समूह राज्य के अंदर ही अपने कार्य स्थानों पर जाना चाहता है तो उनकी स्क्रीनिंग की जाएगी और जिनमें बीमारी के लक्षण नहीं होंगे उन्हें उनके कार्य स्थानों पर ले जाया जाएगा.
अगर प्रवासियों का एक समूह राज्य के अंदर ही अपने कार्य स्थानों पर जाना चाहता है तो उनकी स्क्रीनिंग की जाएगी और जिनमें बीमारी के लक्षण नहीं होंगे उन्हें उनके संबंधित कार्य स्थानों पर ले जाया जाएगा: गृह मंत्रालय https://t.co/BX5Vua4vg7
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 19, 2020
दरअसल, पहले और दूसरे चरण के लॉकडाउन के दौरान अलग-अलग जगह पर मजदूर सड़कों पर उतर आए थे. उनकी शिकायत थी कि अगर वो जहां है वहां रहते हैं तो वो भोजन के बिना मर जाएंगे. हालांकि दिल्ली से हजारों प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजा गया. लेकिन बाद में इसे बंद कर दिया गया. राज्य और केंद्र सरकारों ने इनसे जहां है वहीं रुकने की अपील की. लेकिन जब लॉकडाउन दूसरी बार लागू हुआ तो मुंबई और सूरत में मजदूर हंगामा करने लगे. बाद में प्रशासन के समझाने के बाद मामला शांत हुआ.
हालांकि कई जगहों पर मजदूर पैदल ही सैकड़ों किलोमीटर अपने घर जाते दिखाई दे रहे हैं. मजदूरों को रोकने के लिए गृह मंत्रालय ने यह एडवाइजरी जारी की है।