मुंबई से 1600 किमी पैदल चलकर घर पहुंचा युवक, कोरोना के डर से मां ने नहीं खोला दरवाजा
वाराणसी : कोरोना वायरस का खौफ पूरे देश में नजर आ रहा है। लॉकडाउन के दौरान लोग घरों में कैद रहने को मजबूर हैं। बावजूद कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो इस वक्त घर से दूर हैं और वह किसी भी हालत में अपने परिवार के पास जाना चाहते हैं। ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के वाराणसी में देखने को मिला, जहां एक युवक 1600 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करके अपने घर पहुंचा, लेकिन मां ने उसके लिए दरवाजा नहीं खोला।
रोजी-रोटी की तलाश में अशोक चार महीने पहले पांच दोस्तों के साथ मुंबई गया था। सेंट्रल मुंबई के नागपाड़ा के एक होटल में वह काम करता था। कुछ दिन पहले ही लॉकडाउन के चलते होटल को बंद करना पड़ा, जिसके बाद अशोक के सामने तमाम समस्याएं खड़ी हो गई। उसके पास न तो पैसे थे और न ही रहने की कोई जगह। इसलिए वह घर वापस आने की तैयारी कर लेता है।
वाराणसी के गोला दीनानाथ इलाके में रहने वाला अशोक अपने दोस्तों के साथ पैदल ही मुंबई से चल देता है। लगातार छह दिनों तक चलने के बाद अशोक भूखे-प्यासे अपने घर पहुंचा, लेकिन परिजनों ने उसे घर में घुसने नहीं दिया।
अशोक ने बताया कि जब वह घर पहुंचा तो कोरोना वायरस के डर से मां-भाई ने दरवाजा खोलने से साफ मना कर दिया। घर वालों का कहना था कि मुंबई में कोरोना का जबरदस्त प्रकोप है, ऐसे में घर के अन्य सदस्यों के लिए भी मुसीबत बन सकता है। हालांकि कोरोना लेवल-टू दीनदायाल अस्पताल में उसकी जांच हुई तो उसके अंदर कोरोना के लक्षण नहीं मिले हैं।
प्राथमिक जांच के बाद डॉक्टरों ने अशोक को 15 दिन तक घर में रहने की सलाह देकर छोड़ दिया। जांच कराने के बाद दोबारा घर पहुंचने पर भी उसे घर में घुसने नहीं दिया गया। हालांकि प्रशासन के कहने पर बाद में उसे घर में तमाम ऐहतियात के साथ अलग कमरे में रखा गया है।