दिन-रात लोगों की सेवा में जुटी है ये महिला कमिश्नर, हर कोई कर रहा सैल्यूट
विशाखापट्टणम : विशाखापट्टणम नगन निगम की आयुक्त सृजना ने एक महीने के बेटे को छोड़कर अपनी ड्यूटी पर डटी हुई है। सृजना ने एक महीने पहले बेटे को जन्म दिया था, लेकिन इस बीच, कोरोना के कहर के मद्देनजर केंद्र सरकार ने देशव्यापी लॉकडाउन घोषित कर दिया। ऐसे में विशाखापट्टणम जैसे महानगर में नगर निगम आयुक्त की कितनी जरूरत होती है ये बताने की जरूरत नहीं है।
इसी क्रम में कोरोना नियंत्रण में अपनी जरूरत की अहमियत को समझते हुए सृजना तत्काल ड्यूटी पर पहुंच गई। बेटे को पति और मां के हवाले कर वह रोज ड्यूटी पर हाजिर हो रही हैं। केवल ऑफिस तक सीमित रहे बिना सृजना क्षेत्रीय स्तर पर साफ-सफाई के कामकाज की निगरानी कर रही है। इसके अलावा गरीबों को रोजमर्रा की चीजें उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के साथ-साथ जिला अधिकारियों के साथ समन्वय बनाए रखते हुए कोरोना नियंत्रण के लिए अपने कर्तव्यों का पालन कर रही हैं। यही नहीं, प्रसव से कुछ दिन पहले तक भी वह ड्यूटी करती रहीं।
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में मेरा भी योगदान
इसी क्रम में विशाखापट्टणम में व्याप्त स्थिति और अन्य मुद्दों पर सृजना ने साक्षी टीवी से बातचीत में कहा कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी के आदेश और जिला प्रशासन के सहयोग से कोरोना नियंत्रण के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। विशाखापट्टणम में लोग सभी प्रकार की एहतियात बरतते हुए अलर्ट रह रहे हैं। उन्होंने कहा, ”कोरोना की वजह से बड़ा संकट पैदा हो गया है और कोरोना नियंत्रण के तहत मेरी भूमिका को पूरी जिम्मेदारी के साथ निभाने की जरूरत है। मुख्य रूप से लोगों के लिए निर्बाध पेयजल की आपूर्ति करना है।”
कोरोना नियंत्रण हर एक की जिम्मेदारी
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि नवजात बच्चे को मां की जरूरत होती है, लेकिन मैंने व्यक्तिगत जरूरतों को अलग रखा है। उन्होंने कहा, ”कोरोना नियंत्रण के लिए काम कर रही हूं और कोरोना नियंत्रण में हर एक को जिम्मेदार बनना चाहिए। कोरोना के नियंत्रण के लिए सीएम जगन काफी कटिबद्धता के साथ काम कर रहे हैं और उसी प्रेरणा से मैं मेरा एक छोटा सा योगदान है। मेरे परिवार के हर सदस्य से मुझे सपोर्ट मिल रहा है।”