4 कंधे भी नहीं मिले कोरोना से जान गंंवाने वाले बुजुर्ग को, बेटा करता रहा मिन्नतें, लेकिन नहीं आया कोई आगे
चंडीगढ़: 1 अप्रैल कोरोना के डर ने इंसानियत को भी खत्म कर दिया है. पंजाब में मोहाली जिले के नयागांव के 65 वर्षीय बुजुर्ग ओमप्रकाश के शव को अंतिम संस्कार के लिए जब श्मशानघाट लाया गया तो उसे चिता तक पहुंचाने के लिए चार कंधे भी नसीब नहीं हुए. डेढ़ घंटे तक शव को एंबुलेंस से उतारने के लिए बेटा मिन्नतें करता रहा, लेकिन कोई आगे नहीं आया. मृतक के बेटे राजेंद्र राजपूत ने कहा, स्वास्थ्य विभाग की टीम श्मशानघाट के बाहर ही सेफ्टी किट पकड़ा कर चली गई.
नयागांव से अंतिम संस्कार के मौके पर आए लोग गाड़ी से नीचे नहीं उतरे. उसने कहा कि शव को एंबुलेंस से उतरवाने के लिए मैं कभी पंडितों के पास तो कभी लेबर के पास धक्के खाता रहा. श्मशानघाट की इलेक्ट्रिक भट्टी और एंबुलेंस के बीच की दूरी सिर्फ 15 कदम थी.
मोहाली नगर निगम कमिश्नर से अंतिम संस्कार की गुहार लगाने के बाद मौके पर एक जूनियर इंजीनियर को भेजा गया. इसके बाद पहले शव को सेनेटाइज करवाया गया, फिर श्मशानघाट के दो कर्मचारियों को बुला कर उन्हें सेफ्टी किट पहनाई गई. तीन लोगों की मदद से किसी तरह शव को एंबुलेंस से उतार कर इलेक्ट्रिक भट्टी तक पहुंचाया गया.