वडगाम: 1200 साल पुराने मंदिर ने किया इफ़्तार का आयोजन, इस गांव में साथ रहते हैं हिन्दू-मुस्लिम
हिन्दुस्तान में इन दिनों बढ़ती साम्प्रदायिक नफ़रत के बीच गुजरात से साम्प्रदायिक सौहार्द वाली एक ख़बर आई है, यहां के 1200 साल पुराने एक मंदिर ने अपने परिसर में मुस्लिम का स्वागत किया.
बीते शुक्रवार को मुस्लिम रोज़ेदारों के लिए इफ़्तार का प्रबंध कर इस मंदिर ने पूरे हिंदुस्तानी के सामने साम्प्रदायिक सद्भावना की मिसाल पेश की है।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ज़िला बनासकांठा के वाडगम तालुक स्थित एक गांव में 1200 साल पुराने वारंदा वीर महाराज मंदिर ने अपने द्वार मुस्लिम भाइयों के इफ्तार के लिए खोल दिए
ये मंदिर दलवाणा गांव में है और यहां के लोगों के सोशल मीडिया मैसेज और स्टेटस में ही नहीं जीवन में ही भाईचारा है।
गांव के लोग दशहरा, दिवाली, ईद सारे त्यौहार एक साथ मिल जुलकर मनाते हैं, यहां के मुस्लिम परिवार पालनपुर के शासकों के वंशज है, पालनपुर के नवाबों ने ही मंदिर बनाने के लिए ज़मीन दान की थी।
मंदिर के पुजारी, पंकज ठाकर ने बताया, ‘पहली बार मंदिर प्रांगण में मुस्लिमों भाईयो के लिए रोज़ा खोलने की व्यवस्था की गई, ये मंदिर एक ऐतिहासिक स्थान है और सालभर सैलानी मंदिर को देखने आते हैं।
कई बार हिन्दू और मुस्लिम त्यौहार एकसाथ आते हैं, इस साल मंदिर ट्रस्ट और ग्राम पंचायत ने मुस्लिम रोज़ेदारों को मंदिर परिसर में बुलाकर उनका रोज़ा खुलवाने का निर्णय लिया।
हमने लगभग 100 मुस्लिम भाइयों के लिए 5-6 तरह के फल, खजूर, शरबत की व्यवस्था की. मैंने खुद स्थानीय मस्जिद के मौलाना साहब का स्वागत किया.
वही इस खबर के सामने आने के बाद वडगाम से विधायक जिग्नेश मेवानी ने कहा कि उन्हें खुशी है कि उनके विधानसभा क्षेत्र में स्थित एक गांव ने ऐसी मिसाल पेश की है. देश को ऐसे ही प्यार, भाईचारे सौहार्द की जरूरत है।